महाराणा प्रताप जीवन परिचय एवं इतिहास
राणा प्रताप 16वी शताब्दी मे भारत के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी थे महाराणा प्रताप का संघर्ष इतिहास में अमर है महाराणा प्रताप कभी भी मुगलों के सामने नहीं झुके महाराणा प्रताप का जन्म 7 जून 1540 को उदयपुर के संस्थापक उदय सिंह द्वितीय व महारानी जयवंता बाई के घर हुआ था महाराणा प्रताप की बहादुरी और साहस का इतिहास गवाह है आज हम आपको अभिज्ञान दर्पण के माध्यम से महाराणा प्रताप से जुड़े रोचक तथ्य बताएंगे…महाराणा प्रताप, ये एक ऐसा नाम है जिसके लेने भर से मुगल सेना के पसीने छूट जाते थे.
एक ऐसा राजा जो कभी किसी के आगे नही झुका. जिसकी वीरता की कहानी सदियों के बाद भी लोगों की जुबान पर हैं. वो तो हमारी एकता में कमी रह गई वरना जितने किलों का अकबर था उतना वजन तो प्रयाप के भाले का था. महाराणा प्रताप मेवाड़ के महान हिंदू शासक थे.
महाराणा प्रताप से जुड़े रोचक तथ्य :
1. महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था. प्रताप इनका और राणा उदय सिँह इनके पिता का नाम था.
2. प्रताप का वजन 110 किलो और हाईट 7 फीट 5 इंच थी.
3. प्रताप का भाला 81 किलो का और छाती का कवच का 72 किलो था. उनका भाला, कवच, ढाल और साथ में दो तलवारों का वजन कुल मिलाकर 208 किलो था.
4. प्रताप ने राजनैतिक कारणों की वजह से 11 शादियां की थी.
5. महाराणा प्रताप की तलवार कवच आदि सामान उदयपुर राज घराने के संग्रहालय में सुरक्षित हैं.
6. अकबर ने राणा प्रताप को कहा था की अगर तुम हमारे आगे झुकते हो तो आधा भारत आप का रहेगा, लेकिन महाराणा प्रताप ने कहा मर जाऊँगा लेकिन मुगलों के आगे सर नही नीचा करूंगा.
7. प्रताप का घोड़ा, चेतक हवा से बातें करता था. उसने हाथी के सिर पर पैर रख दिया था और घायल प्रताप को लेकर 26 फीट लंबे नाले के ऊपर से कूद गया था.
8. प्रताप का सेनापति सिर कटने के बाद भी कुछ देर तक लड़ता रहा था.
9. प्रताप ने मायरा की गुफा में घास की रोटी खाकर दिन गुजारे थे.
10. नेपाल का राज परिवार भी चित्तौड़ से निकला है दोनों में भाई और खून का रिश्ता हैं.
11. प्रताप के घोड़े चेतक के सिर पर हाथी का मुखौटा लगाया जाता था. ताकि दूसरी सेना के हाथी कंफ्यूज रहें.
12. महाराणा प्रताप हमेशा दो तलवार रखते थे एक अपने लिए और दूसरी निहत्थे दुश्मन के लिए.
13. अकबर ने एक बार कहा था की अगर महाराणा प्रताप और जयमल मेड़तिया मेरे साथ होते तो हम विश्व विजेता बन जाते.
14. आज हल्दी घाटी के युद्ध के 300 साल बाद भी वहां की जमीनो में तलवारे पायी जाती हैं.
15. ऐसा माना जाता है कि हल्दीघाटी के युद्ध में न तो अकबर जीत सका और न ही राणा हारे। मुगलों के पास सैन्य शक्ति अधिक थी तो राणा प्रताप के पास जुझारू शक्ति की कोई कमी नहीं थी.
16. 30 सालों तक प्रयास के बाद भी अकबर, प्रताप को बंदी न बना सका. 29 जनवरी 1597 को शिकार दुर्घटना में injury की वजह से प्रताप की मृत्यु हो गई. प्रताप की मौत की खबर सुनकर अकबर भी रो पड़ा था.
17. हल्दीघाटी की लड़ाई में राणा की सेना में 20000 सैनिक थे और अकबर की सेना में 85000 सैनिक थे लेकिन ने तो अकबर जीता और न ही राणा हारा।
18. महाराणा प्रताप ने जब महलों का त्याग किया तब उनके साथ लोहार जाति के हजारों लोगों ने भी घर छोड़ा और दिन-रात राणा कि फोज के लिए तलवारे बनाई इसी समाज को आज हरियाणा राजस्थान में गाडिया लुहार कहते हैं।
19. मेवाड़ के आदिवासी भील महाराणा प्रताप को अपना बेटा मानते थे और राणा जी बिना भेदभाव के उनके साथ रहते थे आज भी मेवाड़ के राज चिह्न पर एक तरफ राजपूत हैं तो दूसरी तरफ से भील।