जोधपुर में घूमने लायक जगह Places to visit in jodhpur in hindi . सूर्यनगरी जोधपुर जिसे हम ब्लू सिटी के नाम से भी जानते है, राजस्थान के प्रमुख शहरों में दूसरा स्थान रखता है। पश्चिमी राजस्थान में बसे इस शहर की रौनक देखते ही बनती है। मारवाड़ की शान कहे जाने वाले जोधपुर में कई भव्य किले, मंदिर, झीलें एवं पौराणिक महत्त्व के स्थान एवं भ्रमण के लिए लोकप्रिय पयर्टन स्थल मौजूद है।
आप अगर राजस्थान में भ्रमण करने का विचार कर रहे है, तो एक बार जोधपुर दर्शन हेतु अवश्य आये। जोधपुर शहर विश्व प्रसिद्ध थार मरुस्थल की सीमा पर बसा हुवा है। इस शहर की स्थापना सं 1459 ई. में राव जोधा जी द्वारा की गई थी। मारवाड़ के इस भव्य सुन्दर शहर के भ्रमण में आपको आमतौर पर 3 से 4 दिन लग सकते है। मित्रों आज हम आपको अपने इस लेख में जोधपुर में घूमने लायक जगह के विषय में जानकारी प्रदान करेंगे।
जोधपुर में घूमने लायक जगह Jodhpur Mein Ghumne Layak Jagah In Hindi
मेहरानगढ़ किला – Mehrangarh Fort
मेहरानगढ़ किला मारवाड़ ही नहीं बल्कि समस्त भारतवर्ष के विशाल किलों में से एक किला है। मेहरानगढ़ किले का निर्माण राठौड़ राजवंश के महाराजा राव जोधा जी ने सं 1459 ई. में करवाया था। जोधपुर शहर के केन्द्र में स्थित मेहरानगढ़ किला तकरीबन 410 फीट ऊँची पहाड़ी के शीर्ष पर 5 किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में फैला है। अपने विशाल भवनों और दीवारों से घिरा यह किला दूर से ही मन को मोह लेता है। किले की दीवारों की ऊंचाई तक़रीबन 36 मीटर है, एवं चौड़ाई 21 मीटर है।
मेहरानगढ़ किले में 7 विशाल गेट बने हुवे है, उनके नाम इस प्रकार है :- विजय द्वार, फतेह गेट, गोपाल गेट, भैरों गेट, डेढ़ कमरा गेट, मार्टी गेट और अंत में लोहा गेट। इसके अलावा मेहरानगढ़ में शीशमहल एवं फूलमहल और मोती महल जैसे भव्य महल भी स्थित है। मेहरानगढ़ में स्थित “चामुण्डा माता” का मंदिर समस्त जोधपुर की आस्था का केन्द्र है। इन सबके अलावा किले की नक्काशीदार जालियाँ और जालीदार भव्य खिड़कियाँ भी मनमोहक लगती है। जोधपुर की भव्यता को दर्शाते इस किले में मारवाड़ की समस्त सांस्कृतिक विरासत समाई हुई है।
मेहरानगढ़ किले तक पहुँचना
जोधपुर शहर राजस्थान के प्रमुख शहरो में से एक होने के कारण यहाँ तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। आप जोधपुर रेलवे स्टेशन तक भारत में कहीं से भी आ सकते है, यहाँ लगभग सभी बड़े शहरो से सीधी ट्रेन आती है। सड़क मार्ग द्वारा भी आप आसानी से जोधपुर पहुँच सकते है, यहाँ के लिए आपको डीलक्स बस सेवा भी मिल जाती है, और जोधपुर हवाई अड्डा भारत की सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए यहाँ से भारत के सभी प्रमुख शहरो से दैनिक उड़ाने उपलब्ध है।
मेहरानगढ़ घूमने का समय
वैसे तो आप यहाँ पुरे वर्ष में कभी भी घूमने आ सकते है, किन्तु जोधपुर शहर थार मरुस्थल की सीमा पर बसे होने के कारण सबसे बेहतर समय सर्दियों और वर्षा ऋतू का होता है। आप यहाँ सुबह-सुबह 9 बजे भ्रमण को आये तब एक अलग ही आनन्द आएगा। प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से संध्या 5 बजे तक घूम सकते है।
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जसवंत थाडा ( Jaswant Thada )
जोधपुर शहर में मेहरानगढ़ किले के पास पहाड़ी पर स्थित जसवंत थाडा एक भव्य ईमारत है। इस सफ़ेद मार्बल से निर्मित ईमारत की भव्यता और सुंदरता इतनी अच्छी है, की इसे राजस्थान का ताजमहल भी कहाँ जाता है। इस स्मारक का निर्माण 1899 में महाराजा सरदार सिंह ने अपने पिता स्वर्गीय श्री महाराज जसवंत सिंह द्वितीय की याद और सम्मान में करवाया था। इस स्मारक का उपयोग वर्तमान समय में भी शाही परिवार के शमशान घाट के रूप में लिया जाता है। स्मारक में राठौड़ राजवंश के प्रमुख राजाओं के चित्रों का एक संग्रह भी बना हुवा है।
जसवंत थड़ा स्मारक तक आप आसानी से पहुँच सकते है, मेहरानगढ़ किले के करीब निर्मित होने के कारण यहाँ पहुँचने के सभी मार्ग एकसमान है। प्रातः 8 बजे से सांय 6 बजे तक यह स्मारक खुला हुवा रहता है, आगंतुकों के लिए। सर्दियों में धूमना सबसे सही माना जाता है।
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उम्मेद भवन पैलेस ( Ummed Bhavan Palace )
अगर आपने भ्रमण का मन बना लिया है, और सोच रहे हो की जोधपुर में घूमने लायक जगह में कौनसी जगह आपको आकर्षित करेगी तो एक बार आप उम्मेद भवन पैलेस घूमने जरूर आये। इस भव्य पैलेस का निर्माण सन 1928 से 1943 में तत्कालीन जोधपुर महाराज उम्मेद सिंह जी ने करवाया था। इसलिए उनके नाम पर ही उम्मेद भवन पैलेस का नाम रखा गया था। उम्मेद भवन अपने आकर्षित भव्य कक्षों और आलिशान महलों की वास्तुकला के लिए विश्व विख्यात है।
उम्मेद भवन पैलेस का निर्माण बाढ़ राहत कार्य के तहत जनता को रोजगार देने हेतु करवाया गया था, वर्तमान में इस महल को तीन हिस्सों में विभाजित कर दिया गया है, एक हिस्से में हेरिटेज होटल है, और एक हिस्से में संग्रहालय है तो तीसरे हिस्से में शाही परिवार निवास करता है।
उम्मेद भवन पैलेस घूमने का सबसे बेहतर समय अक्टुम्बर से फ़रवरी तक का रहता है, आप यहाँ सुबह-सुबह जाये और इसके विशाल सुन्दर भवनों और हेरिटेज गाड़ियों एवं मनमोहक बगीचों का आनंद उठाये। आप यहाँ आसानी से पहुँच सकते है, जोधपुर शहर में सभी लग्जरी बस और ट्रेनें आती है आप इनके द्वारा आसानी से उम्मेद भवन पहुँच सकते है। जोधपुर बस डिपो यहाँ से मात्र 3 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है।
मंडोर उद्यान ( Mandore Garden )
जोधपुर शहर में अगर आपको ऐतिहासिक स्थानों में से किसी एक का नाम लेने का कहे तो मंडोर उद्यान का नाम सबसे पहले आता है, क्योकि जोधपुर में घूमने लायक जगह में मंडोर को विशेष स्थान प्राप्त है, ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार मंडोर 6वी शताब्दी से भी पहले मौजूद था। मंडोर उद्यान जोधपुर से करीब 9 किलोमीटर उत्तर की तरफ बसा है। मारवाड़ की पूर्व राजधानी मंडोर ही थी। मंडोर उद्यान में “देवताओं की साळ” निर्मित की गई है, इसमें समस्त देवताओं की विशाल मूर्तियां बनी हुई है।
वर्तमान में मंडोर उद्यान में एक शानदार बगीचे का निर्माण किया हुवा है, उस उद्यान में बहुत सी छतरियाँ बानी हुई है, जिसमे अजीत पोळ, उद्यान में अजीत पोळ से प्रवेश करने पर एक बड़ा बरामदा दिखाई देता है जिसमे विभिन्न देवी-देवताओं ,लोक देवताओं व मारवाड़ के वीर पुरुषों की मूर्तीयाँ एक पहाड़ी चट्टान को काट कर उत्कीर्ण की गयी है |
मंडोर घूमने किए लिए सर्वश्रेठ समय वैसे तो सर्दियों का रहता है, क्योकि राजस्थान में गर्मी का प्रकोप अत्यधिक रहता है। लेकिन आप यहाँ पुरे वर्ष घूमने आ सकते है। जोधपुर बस अड्डे से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित होने की वजह से आप यहाँ प्राइवेट टैक्सी से या सिटी बस सेवा के द्वारा आसानी से पहुँच सकते है।
घण्टा घर – Clock Tower Jodhpur
जोधपुर शहर के केन्द्र में स्थित घण्टा घर बहुत ही लुभावनी जगह है। क्लॉक टावर जोधपुर में घूमने लायक जगह में अपना विशिष्ठ स्थान रखता है। घंटा घर का निर्माण तत्कालीन महाराज सरदार सिंह जी ने करीब 150 वर्ष पहले अपने कार्यकाल में करवाया था। घण्टा घर के चारों तरफ सरदार मार्किट है, इसमें करीब 7 हजार दुकानें है, जहाँ पर आपको राजस्थानी संस्कृति से जुडी कलाकृतियाँ खीरदने को मिल जाएँगी।
जोधपुर शहर थार मरुस्थल की सीमा पर बसे होने के कारण यहाँ गर्मी अत्यधिक होती है, इसलिए आपको अगर घण्टा घर घूमने आना है तो सर्दियों के मौसम में ही आये। घण्टा घर जोधपुर शहर के मध्य स्थित होने से आपको यहाँ पहुँचने के बहुत से साधन मिल जायेंगे। आप यहाँ सिटी बस सेवा से या प्राइवेट टैक्सी ऑटो के द्वारा आसानी से पहुँच सकते है।
बालसमंद झील ( Balsamand Lake )
सूर्यनगरी जोधपुर वैसे तो पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से एक है, और बात जब जोधपुर में घूमने लायक जगह की आये और बालसमंद झील के दर्शन के बिना जोधपुर भ्रमण अधूरा सा है। बालसमंद एक कृत्रिम झील है, जिसे 1149 ई में प्रतिहार क्षत्रिय राजाओं ने बनवाया था। यह झील मध्य जोधपुर से करीब 5 किलोमीटर दुरी पर स्थित है। इस सुन्दर झील के किनारे पर सुन्दर पैलेस का निर्माण किया गया है। महल में मनोरंजन हेतु टेनिस कोर्ट एवं साइकलिंग और जॉगिंग ट्रेल्स का निर्माण भी किया गया है। पयर्टन के अलावा बालसमंद में लोग सूर्यास्त देखने के लिए भी आते है, सूर्यास्त के समय यहाँ का नजारा देखने लायक होता है।
बालसमंद झील में घूमने का सबसे बेहतर समय संध्या का होता है, आप इस समय सूर्यास्त का सुन्दर नजारा भी देख सकते है, साथ में पैलेस में आराम करके झील का सुन्दर दृश्य भी निहार सकते है। आपको यहाँ पहुँचने के लिए प्राइवेट टैक्सी बुक करनी होगी आप उसके द्वारा आसानी से बालसमंद झील पहुँच सकते है।
राव जोधा डेजर्ड रॉक पार्क
जोधपुर में घूमने लायक जगह में से बेहतर स्थानों में से एक स्थान राव जोधा डेजर्ड रॉक पार्क है। इसका निर्माण उद्देश्य 2006 में मेहरानगढ़ किले के चारों और फैली वीरान पहाड़ी और जंगल को फिर से प्राकृतिक रूप में विकसित करना था। यह करीब 72 हेक्टेयर भूमि में फैला है। एक वीरान पहाड़ी को फिर से हरा भरा करने के लिए तक़रीबन 250 से अधिक पौधो की प्रजातियाँ विकसित की गई है, जिनमे देसी मरुस्थलीय पौधो की संख्या पर अधिक ध्यान दिया गया है।
यदि आप प्रकृति को निहारना पसंद करते है, तो एक बार इस रॉक पार्क में जरूर घूमने आये। आप इस पार्क पर आसानी से पहुँच सकते है, राजस्थान में सभी जगहों से जोधपुर के लिए बस सेवा उपलब्ध है, जोधपुर बस अड्डे से पार्क की दुरी तक़रीबन 2 किलोमीटर है। आप यहाँ प्रातः 7:30 से संध्या 6 बजे तक कभी भी आ कर घूम सकते है।
कायलाना झील
जोधपुर शहर की खूबसूरती को चार चाँद लगाती कायलाना झील जोधपुर की दूसरी कृत्रिम झील है। जोधपुर से लगभग 8 किलोमीटर दुरी पर स्थित इस सुन्दर झील का निर्माण सन 1872 में महाराज प्रताप सिंह जी ने करवाया था। राजस्थान में पर्यटको द्वारा सबसे अधिक देखी जाने वाली झीलों में से एक यह झील है। यह झील कई विदेशी पक्षियों का घर है, जो हर साल लंबी दुरी से यहाँ प्रजनन के लिए आते है। रियासत काल में निर्मित इस सुन्दर झील में सर्दियों के समय साइबेरियन पक्षी को भी निहार सकते है। यह झील पक्षियों का बसेरा होने कारण फोटोग्राफरों की सबसे पसंदीदा झीलों में से एक है।
आप अगर जोधपुर में घूमने लायक जगह की खोज में हो तो एक बार कायलाना झील जरूर पधारे। आप यहाँ सर्दियों के मौसम में घूमने आये तब आपको बहुत आनंद आएगा, क्योंकि उस समय मौसम सुहावना रहता है, और झील में उमस भी नहीं होती है। जोधपुर पहुँच कर आप प्राइवेट टैक्सी बुक करे वह आपको सीधे इस सुन्दर झील तक पहुंचा देगी।
ओम बन्ना सा मंदिर ( Om Banna, Chotila )
आस्था का केन्द्र श्री ओम बन्ना सा का मन्दिर एक असामान्य रूप से चमत्कारी धाम है, ओम बन्ना को वर्तमान में कई नामों से पुकारा जाता है, जैसे: बुलेट बाबा, राठौड़ी सरकार ओम बन्ना, बुलेट बाबा मन्दिर आदि। यह मंदिर पाली चोटिला गाँव के निकट पाली-जोधपुर हाईवे NH65 पर स्थित है। जोधपुर से करीब 50 किलोमीटर की दूर स्थित यह मंदिर आस-पास के ग्रामीणों एवं हाईवे से गुजरने वाले सभी राहगीरों की आस्था का केंद्र है। ओम बन्ना का चमत्कारी इतना प्रभावी है की इस मंदिर के दर्शन हेतु विदेशो से भी लोग आते है। इस मंदिर में रॉयल इनफील्ड बुलेट की पूजा की जाती है, इसकी भी बड़ी चमत्कारी कथा है।
जब आप जोधपुर में घूमने लायक जगह की तलाश में जोधपुर आये तब एक बार ओम बन्ना मंदिर के दर्शन करने अवश्य आये, कहते है की यहाँ सच्चे मनसे मांगी हर मुराद पूरी होती है। मरुस्थल की तेज गर्मी होने के कारण आप यहाँ सर्दियों में ही आये तो बेहतर रहता है। जोधपुर शहर पहुँच कर आप किसी भी पाली जाने वाली बस में बैठ जाये वह आपको सीधे ओम बन्ना के धाम पहुँचा देगी, क्योकि हर बस वही से होकर पाली जाती है।
निष्कर्ष
हमे आशा है की आपको हमारा यह लेख जोधपुर में घूमने लायक जगह ( Places to visit in jodhpur in hindi ) पसंद आया होगा। हमारी इस ब्लॉग वेबसाइट अभिज्ञान दर्पण पर सदैव यही प्रयास रहता है, की पाठकों के लिए इतिहास और भारत के विषय में रोचक जानकारी उपलब्ध कराते रहे।
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