Om Banna Temple आपने सवाल किया की ओम बन्ना कौन थे ? Bullet Baba Temple In Hindi, श्री ॐ बन्ना सा मंदिर जिन्हें बुलेट बाबा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। चमत्कारी बुलेट बाबा का मंदिर जोधपुर और पाली हाईवे NH 65 पर स्थित है। वैसे तो वर्तमान में श्री ओम बन्ना सा या बुलेट बाबा को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है, फिर भी आज आपको विस्तार से श्री Om Banna सा की जानकारी यहाँ प्रदान की जायेगी।
ओम बन्ना का जन्म परिचय
श्री ओम बन्ना सा का जन्म राजस्थान के पाली जिले में ग्राम चोटिला के सरपंच ठाकुर श्री जोग सिंह जी के घर हुवा था। इनका पूरा नाम ओम सिंह राठौड़ है।
Om Banna को आज पुरे भारत भर में ओम बन्ना, ॐ बन्ना, बुलेट मोटर साईकिल वाले राठौड बन्ना, चोटिला राजा और बुलेट वाले बाबा जैसे कई नामो से जाना जा रहा है।
बचपन से ही ॐ बन्ना को बुलेट मोटरसाइकिल चलानी पसंद थी, Om Banna अच्छे स्वभाव वाले और जरुरतमंदो की मदद करने वाले इंसान थे।
कैसे बने ओम सिंह से श्री ओम बन्ना सा
जैसे हमने ऊपर बताया की ओम बन्ना को बुलेट मोटरसाइकिल चलाना अच्छा लगता था, वह कही भी बिना अपनी बुलेट के आना-जाना नहीं करते थे। अपने गाँव चोटिला से लगभग प्रतिदिन बुलेट से जोधपुर आना जाना रहता था।
एक दिन वह अपने ससुराल से वापस अपने गाँव को लौट रहे थे। संध्या का समय हो चूका था। Om Banna सा अपनी बुलेट पर सवार होकर चल रहे थे। तभी उनको लगा की सड़क पर सामने कोई है। इसलिए उन्होंने एकदम से अपनी मोटरसाइकिल को घुमा दिया।
इस तरह उनकी मोटरसाइकिल का संतुलन बिगड़ गया और सड़क किनारे खड़े जाल के वृक्ष से जा टकराये। कहते है की यह टक्कर इतनी भयंकर थी की ओम बन्ना सा की दुर्घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गई थी।
इसके कुछ दिनों बात शुरू हुवा ओ सा के चमत्कारों का सिलसिला और धीरे-धीरे उनकी प्रसिद्धि पुरे विश्व में फ़ैल गई और आज हम उनको श्री ओम बन्ना सा या बुलेट बाबा अन्य कई नामों से जानते है।
ओम बन्ना सा की चमत्कारी बुलेट Om Banna RNJ 7773
सं 1988 की संध्या का वह दिन था जब ओम बन्ना सा दुर्घटना के शिकार हुवे थे। जोधपुर अहमदाबाद राष्ट्रिय राजमार्ग पर जब हम जोधपुर से पाली की तरफ जाते है, तो पाली से करीब 20km पहले ही रोहिट थाने के पास ही वह स्थान है, जहाँ ओम बन्ना सा की दुर्घटना में मृत्यु हुई थी।
आज सड़क किनारे लोगों की भीड़ लगी रहती है, सभी ओम बन्ना के देवरे और बुलेट के दर्शन के लिए लाइने लगाते है। देवरे पर Om Banna सा की एक मूर्ति बनी है, और हर वक्त अखण्ड ज्योत जलती रहती है।
यही इस देवरे के पास ही खड़ी है, वह चमत्कारी बुलेट जिसपर लोग अपना मत्था टेकते है, और आशीर्वाद मांगते है।
स्थानीय लोगों के अनुसार इस स्थान पर हर रोज कोई न कोई वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाया करता था। जिस वृक्ष के पास ओम सिंह राठौड़ Om Singh Rathore की दुर्घटना घटी उसी जगह पता नहीं कैसे कई वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते थे, यह रहस्य ही बना रहता था | कई लोग यहाँ दुर्घटना के शिकार बन अपनी जान गँवा चुके थे |
यह लेख भी पढ़िए : जोधपुर में घूमने लायक जगह
ओम बन्ना की मोटरसाइकिल का चमत्कार Om Banna
ओम सिंह राठौड़ (Om Banna ) की सड़क दुर्घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने अपनी कार्यवाही के तहद बुलेट मोटरसाइकिल को जब्त कर लिया और थाने में ले जाकर बंद कर दिया।
दूसरे दिन प्रातः बुलेट थाने से गायब थी, इस बात से पुरे थाने में हड़कंप मच गया और तलाशी शुरू कर दी। लेकिन सभी को हैरानी तो तब हुई जब वह मोटरसाइकिल उसी दुर्घटना स्थल पर पाई गई।
मोटरसाइकिल को वापस थाने लाया गया, लेकिन अगले दिन फिर बुलेट थाने से गायब होकर दुर्घटना स्थल पर पहुँच जाती थी। कई दिनों तक जब यह सिकसिला चलता रहा तो थाने के अधिकारियों ने Om Banna सा के घर पर सुचना भिजवाई।
Om Banna सा के पिता श्री जोग सिंह जी और थाने के लोगों ने मामले की गम्भीरता को देखकर यही सोचा की हो सकता है, की मृत आत्मा की यही इच्छा है इसलिए उन्होंने वह मोटरसाइकिल को उसी दुर्घटना स्थल पर उसी वृक्ष के पास खड़ी कर दी।
ओम बन्ना का चमत्कार ( Om Banna )
मोटरसाइकिल के इस चमत्कार के बाद स्थानीय लोगो को और उस राजमार्ग पर चलने वाली गाड़ियों को अक्सर Om Banna दिखाई देने लगे। कई लोगों ने उनको उस दुर्घटना स्थल के आस-पास सतर्क करते देखा गया।
वे उस दुर्घटना संभावित जगह तक पहुँचने वाले वाहन को जबरदस्ती रोक देते या धीरे कर देते ताकि उनकी तरह कोई और वाहन चालक असामयिक मौत का शिकार न बने | और उसके बाद आज तक वहाँ दुबारा कोई दूसरी दुर्घटना नहीं हुयी|
इस चमत्कार की वजह से लोगों में Om Banna सा के प्रति आस्था बढ़ती गई इसी श्रधा का नतीजा है कि ओम बना के इस स्थान पर हर वक्त उनकी पूजा अर्चना करने वालों की भीड़ लगी रहती है। उस राजमार्ग से गुजरने वाला हर वाहन यहाँ रुक कर Om Banna को नमन कर ही आगे बढ़ता है और दूर दूर से लोग उनके स्थान पर आकर उनमे अपनी श्रद्धा प्रकट कर उनसे व उनकी मोटर साईकिल से मन्नत मांगते है |
कैसे पहुंचे ओम बन्ना के धाम
ओम बन्ना सा का देवरा जोधपुर से पाली जाने वाले हाइवे No 65 पर स्थित है। आप यहाँ तक रैल और बस एवं हवाई रास्ते के द्वारा भी पहुँच सकते है।
जोधपुर तक हवाई रास्ते से आने के बाद आपको जोधपुर बस अड्डे से पाली जाने वाली अनेकों बसें मिलेगी जो सीधे आपको ओम बन्ना सा के धाम पहुंचा देगी। आप जोधपुर से प्राइवेट टैक्सी भी कर सकते है।
अब वहां न के बराबर दुर्घटनाएं होती हैं। फिर यहां मंदिर का निर्माण कर दिया गया। इस रास्ते से गुजरने वाले यात्री आते-जाते समय ओम बन्ना के मंदिर में कुशल यात्रा की प्रार्थना करके ही आगे बढ़ते हैं।
तो आपको यह जानकारी कैसी लगी जरूर बताये और अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर करे
जय श्री ओम बन्ना सा री
Om Banna Story in Hindi
History of Om Banna temple in Hindi
FAQ’s
ओम बन्ना का जन्म कब और कहां हुआ था?
ओम बन्ना का पूरा नाम ओम सिंह राठौड़ है, ओम बन्ना का जन्म विक्रम सम्वत २०२१ में वैशाख सुदी की चांदनी अष्ठमी को पाली के निकट चोटिला गांव में हुवा था।
ओम बन्ना की मृत्यु कैसे हुई थी?
एक दिन ओम बन्ना अपनी बुलेट पर सवारी करके ससुराल से वापस अपने गांव चोटिला लौट रहे थे, यह बात 1988 की है जब पाली से करीब 20km रोहिट थाने के पास NH 65 पर उनकी बाइक एक जाल के पेड़ से टकरा गई और इस दुर्घटना में मौके पर ही ओम बन्ना की मृत्यु हो गई थी।
ओम बन्ना के बेटे का क्या नाम है?
श्री ओम बन्ना सा के बेटे का नाम महापराक्रम सिंह राठौड़ है।